आज सूत्रधार में देखिए कि जनता ने क्यों लिया सरपंच पद के उम्मीदवारों का लिखित और मौखिक टेस्ट। वहीं, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा परीक्षा- 2019 की मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू करने को हरी झंडी दे दी है लेकिन इसमें आरक्षण के फॉर्मूले का पेंच नहीं सुलझ पा रहा है। इसके प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले स्टूडेंट के एडवोकेट इंटव्यू की प्रोसेस शुरू करने के MPPSC के निर्णय को हाईकोर्ट जबलपुर के दिशा-निर्देश का उल्लंघन बता रहे हैं। तीसरी रिपोर्ट में देखिए कि मध्य प्रदेश के जिलों में बैठे कलेक्टर्स को राज्य सूचना आयुक्त के आदेश की भी कोई परवाह नहीं है। इसके कारण उनकी कभी भी नपाई भी हो सकती है।